अभिनव कला भारती, कला, शिल्प-हस्तकला एवं साहित्य तथा प्रकाशन सेन्टर, की स्थापना वर्ष 2010 में मिनल सु. गडवे (संपादक, संगीत शिक्षिका, लेखिका) द्वारा की गई है। संस्था का उद्देश्य भारतिय संस्कृति के विविध आयामों कों नई युवा पीढ़ी को भारतीय कला-संगीत एवं संस्कृति-सभ्यता से जोड़ने तथा उनको कला शिक्षा तथा व्यवसायोंन्मुख बनाने का है। तथा भारतीय कला, चित्रकला, संगीत और वास्तुशिल्प पर ज्ञान के व्यापक क्षेत्र को समाविष्ट करते हुए विश्लेषणात्मक और नवीनतम जानकारी प्रदान कराती है।
भारतीय कला चिरकाल से शाश्वत सत्य का प्रतीक है क्योंकि ’सत्यं शिवं सुन्दरम’की भावना से युक्त होने के कारण उसमें नित्य नवीनता दिखती है भारतीय कला एवं संस्कृति के विविध आयामों एवं भाव रसात्मक तत्त्वज्ञान के कला-रूपों का अवलोकन करना हैं। तथा मानवीय कलात्मक सह संबन्धों और स्थितियों की विविध भावलीलाओं और उसके माध्यम से चेतना को कला उजागार करना है। भारतीय कला वैज्ञानिक और तकनीकी आधार के साथ कला को जानने के लिये वेद-उपवेद, पुराण और पुरातत्त्व पुरातणशास्त्र, और प्राचीन साहित्य को प्रस्तुत करना है।
परम्परावो के साथ शैक्षणिक, साहित्यिक, एवं सामाजिक – सांस्कृतिक गतिविधियों में अनवरत विकासशील रही है। और यह निरंन्तर विकास की दिशा में कलाकार एवं कलाओं से जुडे महानुभावों एवं विद्यार्थियों के लिऐ विविध कार्योसे भविष्य में संस्था ‘सृजन भारती शोध पत्रिका का प्रकाशन भी कर रही है, साथ ही शैक्षणिक स्तरपर राष्ट्रीय-अंतर्राष्ट्रीय एवं संगोष्ठी, व्याख्यान, कला-कार्यशाला, संगीत के कार्यक्रम तथा अन्य कलाओं को संयोजन करती है। इसके साथ अभिनव कला भारती के उद्देश्य में विभिन्न क्षेत्र में बौद्धिक विकास के लिए शिक्षा एवं मनोरंजन केन्द्रों की स्थापना करना, कला से सम्बधित रोजगार और प्रशिक्षण, गायन, वादन, विलुप्त वाद्यो की अनमोल जानकारी देणे, आदि का प्रशिक्षण देना, साहित्य प्रकाशन, साहित्यिक मंच, कवि सम्मेल्लन आदि, से कार्यरूपता की ओर अग्रसर है। जिससे विश्वभर में भारतीय साहित्य, कला, हस्तशिल्प कलोओं की पहचान बनती रहे।